शिक्षण प्रशिक्षण दिन (34-37)
दिन -34
आठवीं कक्षा के विषय वस्तु समाप्त होने के कारण बच्चों को रिवीजन चल रही थी। मैं आज आठवीं कक्षा में सिखाए गए विषय भाग से प्रश्न पूछा और उस विषय को ज्यादा इसके बाद एक-एकप्रश्न का कठिन करने का आदेश दिया। सारे बच्चे आदर्श विद्यार्थी की तरह पढ़ने लगी। सकारात्मक रूप से पढ़ रही और बीच-बीच में शक भी पूछ रही थी। रिविशन कक्षा में बच्चे काफी प्रसन्न रूप से उपस्थित होते हैं ।बाकी क्लास में बच्चों के ध्यान आकर्षित करने में काफी मेहनत करना पड़ता है। लेकिन आज काम आसान सा लगने लगा।दिन -35
नवीं कक्षा में विषयवास्तु खत्म करने के लिए काफी है। इसलिए मैं एक अंग्रेजी अध्यापिका से दो कक्षा मांग ली। संसार पुस्तक के नमक एक लंबा सा पाठ सीखना था। आज कक्षा में अधिक बच्चे मौजूद नहीं थे। इसलिए कक्षा लेने में काफी आसान हो गया था। संसार पुस्तक के नामक पाठ पूर्ण रूप से सीख पाया । बच्चे कक्षा में ध्यान दिया ।बीच-बीच में प्रश्न पूछने पर छात्र जवाब भी दे दिया। किताब भी अभ्यास देने पर बच्चे उत्सुकता के साथ संपूर्ण किया।
दिन -36
आज से विद्यालय में क्रिसमस परीक्षा शुरू हो गई। इसलिए हमें कक्षाओं में नहीं जाना था ।लेकिन परीक्षा के माहौल होने के कारण हमें अतिरिक्त काम सौंपा गए थे। हमें परीक्षा निरीक्षक के लिए अध्यापकों के अनुपस्थित में कक्षा जाना था।इसके अलावा उत्तर पत्र गिनने का काम ,कक्षा में दोहरा लेकर जाना आदि काम में लग गई। पूरे विद्यालय में परीक्षा माहौल देखने सुंदर लगा। विद्यालय के मैदान में रहने का इजाजत बच्चों को नहीं था और बच्चों को मैदान से हटकर कक्षाओं में बिठाना का काम हमारे ऊपर सौंप किया गया।
दिन -37
आज भी विद्यालय में बच्चों को परीक्षा चालू था इसलिए व्यवस्थित कक्षा चल नहीं रहे थे। हमें सवेरे ही खेल मैदान में घूमते बच्चों को कक्षाओं के अंदर भिजवाने। का आदेश मिल गया ।साथ ही बच्चों के निरीक्षण करके वहां बैठने का भी काम आया था ।बाकी दिन हम वहां एक कक्षा में बैठकर अपनी खुद के कामों में लग गई। 3:30 होने पर हमारे रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके रवाना हो गया।